धीरज शर्मा
हरिद्वार के रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में 25 वां दीक्षांत समारोह भव्य रूप से मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और प्रोफेसर निर्मलजीत सिंह कलसी रहे।इस बार 2,614 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान दी गई. जिनमें 1,267 स्नातक, 847 स्नातकोत्तर एवं 500 पीएचडी छात्र-छात्राएं शामिल रहे।जिनमें 70 विदेशी छात्र-छात्राएं भी शामिल रहे।
आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने अपना 25 वां दीक्षांत समारोह मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2 हजार 614 स्नातकों को उपाधियां प्रदान की।इनमें 1 हजार 267 स्नातक स्तर, 847 स्नातकोत्तर स्तर और 500 पीएचडी स्कॉलर (संयुक्त एवं दोहरी उपाधियों समेत) शामिल रहे,इनमें से 602 छात्राएं हैं।जिनमें 248 स्नातक, 176 स्नातकोत्तर और 178 पीएचडी शोधार्थी शामिल रहे।
दीक्षांत समारोह में 5 छात्रों को स्वर्ण पदक भी प्रदान किया गया, जिनमें वंश सैनी को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, हार्दिक साहनी निदेशक स्वर्ण पदक, श्रेया मित्तल को राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक, पवन साईं को संस्थान रजत पदक और अनवद्य खरे को संस्थान कांस्य पदक प्रदान किए गए।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश भर में 1.7 लाख स्टार्टअप्स में से करीब 240 स्टार्टअप्स के साथ आईआईटी रुड़की भारत के स्टार्टअप आंदोलन में एक बड़ा योगदान दे रहा है।यहां के 9 उत्कृष्टता केंद्र, आपदा जोखिम, लचीलापन और स्थिरता के क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर रहा है।इसके अलावा वाइब्रेंट विलेज जैसी पहलों के जरिए स्थानीय समुदायों के साथ शैक्षणिक संस्थान के रूप में अहम भागीदारी निभा रहा है।उन्होंने कहा कि हिमालय में स्थित होने के कारण आईआईटी की भूमिका न केवल आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण है। बल्कि, कई अहम भूमिका भी निभा रहा है। संस्थान को लगातार चौथे साल भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से सर्वाधिक नवोन्मेषी संस्थान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईआईटी रुड़की जिस तरह से आपदा प्रबंधन, आपदा रिसर्च, जियोलॉजी, बैंगनी क्रांति, फ्लोरी कल्चर, हिमालयी राज्यों में अमल में लाया जा रहा है, वो पूरे देश के लिए अनुकरणीय है। इससे नए स्टार्टअप और रोजगार के विकल्प पैदा हो रहे हैं।फ्लोरीकल्चर में लैवेंडर को लेकर 3-4 हजार स्टार्टअप शुरू हुए हैं। यहां कमाई को देखकर कई युवा तो कॉर्पोरेट की लाखों की नौकरी छोड़ कर इस क्षेत्र में आए हैं।
वहीं, आईआईटी रुड़की के निदेशक केके पंत ने कहा कि दीक्षांत समारोह उपलब्धि एवं आकांक्षा दोनों का उत्सव है।आईआईटी रुड़की में हमारा मिशन विश्व स्तरीय शिक्षा व अनुसंधान प्रदान करना है। यह सुनिश्चित करना है कि नवाचार, स्थिरता एवं स्वच्छ ऊर्जा से लेकर महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा व आपदा प्रतिरोधक क्षमता तक देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं को सीधे संबोधित करें। इसके साथ ही स्टैम में महिलाओं की उत्कृष्टता के लिए कार्टियर अचीवर पुरस्कार भी मिल चुका है।एक दिन पहले ही राष्ट्रीय रैंकिंग में आईआईटी रुड़की ने छठा स्थान हासिल किया है, जो हम सब के लिए गौरव की बात है।
आपको बताते चलें कि आईआईटी(पूर्व में इंजीनियरिंग कॉलेज) की स्थापना को 178 साल हो गए हैं।साल 1847 में स्थापित एशिया के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज व भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की देश ही नहीं बल्कि, विदेशों भी एक उत्कृष्ट उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में ख्याति प्राप्त है
