धीरज शर्मा।उत्तराखंड में पहली बार वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो का शुभारंभ हो गया है। देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित चार दिवसीय 10 वें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्यमंत्री प्रताप राव जाधव ने शुभारम्भ किया। सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और इटली समेत तमाम देशों से डेलीगेट्स शामिल हुए हैं।शुभारभ कार्यक्रम के दौरान आयुष के विशेषज्ञों ने अपनी राय रखने के साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान को आधुनिक तकनीकी से जोड़ा जाए, ताकि जनता को इसका फायदा मिल सके। इस दौरान केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रताप राव ने कहा कि आयुर्वेद को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।इस सम्मेलन के लिए 6 हज़ार से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।लिहाजा इस चार दिवसीय सम्मेलन में 25-30 हजार लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने से देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद दुनिया के हर कोने में जाएगी। इसी दिशा में उनका मंत्रालय कार्य कर रहा है, क्योंकि इसी तरह के तमाम कार्यक्रम देश के तमाम हिस्सों में किये जा रहे हैं। ताकि लोगों तक आयुर्वेद को पहुंचाया जा सके। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित 10 वें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन एवं आरोग्य एक्सपो में 50 से अधिक देशों के डेलीगेट्स ने प्रतिभाग किया है। ये सम्मेलन शोध को साझा करने के साथ ही व्यापार को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगा। प्रदेश में पाई जाने वाली जड़ी बूटियां, आरोग्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।आयुर्वेद सिर्फ जड़ी बूटियों तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वस्थ जीवन जीने की एक कला है।आयुर्वेद का उद्देश्य रोगों को ठीक करना ही नहीं, बल्कि रोगों को होने से रोकने के साथ ही रोग को जड़ से समाप्त करना है।सीएम धामी ने कहा कि पूरे देश में प्रकृति परीक्षण का कार्य चल रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार भी प्रदेश में आयुष को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।इसके तहत, राज्य के सभी जिलों में 50 बेड का एक आयुष हॉस्पिटल बना रहे हैं। देश की पहली योग नीति को लागू करने पर काम किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के लिए आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है। सम्मेलन में 8 विभागों के स्टाल लगाए गए हैं। सीएम ने कहा कि तमाम तरह की जड़ी बूटियां हैं जिनका नाम लोगों को हिंदी में तो पता है, लेकिन इंग्लिश में नहीं पता है।ऐसे में जड़ी बूटियों के हिंदी नामों के साथ ही उनके अंग्रेजी नाम का भी प्रचार करें। ये सम्मेलन पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान को आधुनिक तकनीकी से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन देवभूमि उत्तराखंड में होना राज्य के प्राकृतिक, सांस्कृतिक विधा को मजबूती प्रदान करने के साथ ही विश्व के कोने-कोने तक ले जाने का काम करेगा। देवभूमि उत्तराखंड योग की भूमि, आयुष की भूमि है। इसके साथ ही अनेक अनेक वनस्पतियों के लिए उपयुक्त भूमि है।ऋषि मुनियों ने यहां पर अनुसंधान किए हैं। देश भर में योग का प्रचार प्रसार हो रहा है।पूरी दुनिया योग को मान रही है, क्योंकि योग ऐसी विधा है जो हमारे जीवन की दिनचर्या का हिस्सा रही है।ऐसे में फिर से लोग अपने जीवन में इसको आत्मसात कर रहे हैं।इस सम्मेलन में पूरी दुनिया से वैद्य, वैज्ञानिक, योग के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।सम्मेलन में जो मंथन होगा और उससे जो अमृत निकलेगा, वह सभी प्राणियों के लिए अमृत का काम करेगा।
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