
धीरज शर्मा।आज 24 अप्रैल को देहरादून वन अनुसंधान संस्थान के परिसर स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में 54वें भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों के आयोजित दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और मानद उपाधि प्रदान की। आपको बताते चलें कि राष्ट्रीय वन अकादमी में 2022-24 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के तहत 99 भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों के साथ भारत के मित्र राष्ट्र भूटान के भी 2 प्रशिक्षु अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा होने जा रहा है।वर्तमान बैच से सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के 15 अधिकारी आज पास आउट होंगे। उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड से भी 3 अधिकारी प्रशिक्षण पूरा कर निकलेंगे, जो देश की वन सेवाओं में अपनी सेवाएं देंगे।देहरादून में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी की स्थापना साल 1926 में इंडियन फॉरेस्ट कॉलेज के नाम से हुई थी। देश की आजादी के बाद इसका नाम बदलकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी यानी इंदिरा गांधी नेशनल फॉरेस्ट एकेडमी कर दिया गया।तब से लेकर अब तक यह वन अकादमी के रूप में देश की सेवा कर रहा है।देश की आजादी के बाद से अब तक देहरादून में मौजूद इस राष्ट्रीय वन अकादमी से भारतीय वन सेवा के अलावा भारत के 14 मित्र राष्ट्रों को मिलाकर 365 वन अधिकारी ट्रेनिंग ले चुके हैं।अब तक के सफर में अकादमी ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर देश में वन सेवाओं का अलग आयाम स्थापित किया है।इसके लिए कई बार देहरादून में मौजूद राष्ट्रीय वन अकादमी को सम्मानित भी किया जा चुका है।