धीरज शर्मा।हरिद्वार एक गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कांगड़ी गांव में गंगा का पानी कभी भी कहर बरपा सकता है। गंगा और गांव के बीच बने पुस्ते के नीचे से पानी रिस-रिस कर सिद्ध सोत्र नाले की ओर बह रहा है। गंगा के जलस्तर में थोड़ी सी वृद्धि होने पर गंगा का पानी सीधे गांव की ओर रुख करेगा। वहीं अधिकारियों के निरीक्षण के बाद भी राहत बचाव कार्य शुरू नहीं होने पर ग्रामीणों में जिला प्रशासन के प्रति आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द राहत बचाव कार्य शुरू नहीं किया जाता तो उन्हें आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। आपको बताते चलें कि आपदा की दृष्टि से कांगड़ी गांव को बेहद संवेदनशील माना जाता है। यहां 2013 में आई आपदा ने जमकर कहर बरपाया था। गंगा का रुख गांव की ओर होने से ग्रामीणों को हर वर्षा में बाढ़ आने का खतरा बताता रहता है।पिछले दिनों से गंगा के जलस्तर में काफी वृद्धि हो रही है इसके बाद कांगड़ी गांव में अब खतरे की बात यह है कि उस पुस्ते के नीचे से गंगा का पानी रिस रहा है। जहां से पानी सीधा गांव की ओर जा सकता है। ग्रामीणों को भय सता रहा है कि गंगा के जलस्तर में पूरी सी वृद्धि होने पर यह पुस्ता धराशाई हो जाएगा और गंगा का पानी गांव में तबाही मचा सकता है।ग्रामीणों का कहना है कि 2013 से अब तक हर वर्ष वर्षा के दौरान हमारी रातों की नींद उड़ी रहती है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने पर कई रातें ग्रामीणों को छतों में गुजारने को मजबूर होना पड़ता है, मगर उसके बावजूद जिला प्रशासन नींद से नहीं जागा है।उन्होंने बताया कि एक दिन पहले एसडीएम निरीक्षण करने पहुंचे थे, उन्होंने तत्काल राहत बचाव कार्य करने को निर्देशित किया था, मगर अभी भी राहत बचाव के किसी प्रकार का कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द राहत बचाव के कार्य शुरू नहीं किए गए तो पूर्व की तरह ग्रामीणों को आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
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