
धीरज शर्मा।उत्तराखंड की अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा ने जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद अखाड़े से बर्खास्त कर दिया है। पिछले दिनों अल्मोड़ा जेल में कुछ संतों की ओर से पांडे को दीक्षा देते हुए कई मठों की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी।मामला तूल पकड़ने पर जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक हरि गिरि महाराज ने जांच कमेटी गठित की थी। आपको बताते चलें कि बीते दिनों अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी को जूना अखाड़े के कुछ संतों ने जेल में सन्यास की दीक्षा दी थी। जिसके बाद बड़ा हंगामा खड़ा हो गया था। आननफानन में जूना अखाड़े ने इस मामले में जांच कमेटी का गठन कर इसकी जांच करवाई।जूना अखाड़े में मंगलवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया था। दशहरा तक जांच पूरी करने का समय दिया गया था।जूना अखाड़ा की जांच पूरी होने के बाद प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा की जेल में प्रकाश पांडेय को दीक्षा देने वाले संत फर्जी संत थे। सिर्फ दशनामी कुछ संत इसमें शामिल थे। उन्होंने बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन को अखाड़े से बाहर कर दिया गया है।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को पूरी तरह के जूना अखाड़े से बाहर कर दिया गया है। उनका अब जूना अखाड़े से कोई लेना देना नहीं है।जब उनसे पूछा गया कि क्या उन संतों पर भी कोई कार्रवाई की गई, जिन्होंने अल्मोड़ा जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े की तरफ से दीक्षा दी थी।इस बारे में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने कहा कि उस कार्यक्रम में दशनामी कम थे और फर्जी ज्यादा थे. इस बारे में उनका बहुत ज्यादा बोलना सही नहीं है।आजकल जोड़ने का समय है, तोड़ने का नहीं।संतों की भूमिका के सवाल पर हरिगिरि ने कहा कि फिलहाल पीपी को बाहर किया है। इसके आगे विचार विमर्श कर कार्रवाई की जाएगी।