धीरज शर्मा।भारत में गाय को गौमाता का दर्जा दिया जाता है। देसी गाय का दूध और घी भी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है।वैसे तो देसी नस्ल की सभी गायों की अपनी-अपनी खास बात है।देसी गाय जिसे पहाड़ों की कामधेनु का दर्ज दिया गया है।इस गाय के दूध में साधारण गाय के दूध से ज्यादा पोषण है। इस गाय के दूध से बना घी बाजार में 5,500 रुपये किलो के भाव बिक रहा है।”बद्री गाय” जिसे छोटे किसानों की मसीहा भी कहते हैं.बद्री’ गाय की एक देसी नस्ल है, जो उत्तराखंड में पाई जाती है. वैसे तो बाकी गायों की तुलना में बद्री गाय सिर्फ 3 से 4 लीटर ही दूध देती है, लेकिन इसके दूध से बना घी 5,500 रुपये किलो के भाव यानी साधारण गाय के घी से 5 गुना ज्यादा कीमत पर बिक रहा है।इस गाय से दूध उत्पादन कम ही मिलता है, इसलिए अब लोग इसे रखना पंसद नहीं करते। डेयरी के व्यावसायीकरण के बाद बद्री गाय तो जैसे विलुप्त होती जा रही है, लेकिन कई डेयरी फार्म्स ने बद्री गाय के दूध की मात्रा को नहीं, गुणवत्ता को समझा है और इसके संरक्षण-संवर्धन का काम कर रहे हैं।बद्री गाय को पहाड़ी या सर्द इलाकों के लिए सबसे अनुकूल माना गाया है।कई अनुसंधानों से साबित हुआ है कि बद्री गाय का दूध बिल्कुल मिलावटी नहीं है।इसके दूध में 8.4 फीसदी फैट मौजूद होता है, जो किसी भी गाय और भैंस के दूध की तुलना में कहीं अधिक है।बद्री गाय के दूध में टोटल सॉलिड 9.02 फीसदी और क्रूड प्रोटीन 3.26 प्रतिशत मिलता है।बद्री गाय का दूध ए-2 प्रोटीन से भरपूर होने के साथ ही कई साधारण पोषक तत्व भी इसमें मौजूद होते हैं। इसके दूध से लेकर छाछ, मक्खन और घी लगभग सभी मिल्क प्रोडक्ट्स महंगे होते हैं।आपको बताते चलें देश में दूध-डेयरी के काम को अब बिजनेस की तरह देखा जाता है। डेयरी किसानों को फोकस उन नस्लों पर ज्यादा है, जो अधिक मात्रा में दूध देती हैं।इसी के विपरीत बद्री गाय के दूध की क्वालिटी तो अच्छी है, लेकिन दिनभर में इससे 4 किलोग्राम तक ही दूध मिलता है, इसलिए इनकी संख्या सिमट कर सैंकड़ों में ही रह गई है।इस गाय के संरक्षण के लिए उत्तराखंड में बद्री गाय के संवर्धन के लिए काम चल रहा है।बद्री गाय एक बेहद कम लागत वाली गौवंशीय प्रजाति है, जो हिमालय के बुग्याल में चरकर ही दूध देती है। ऐसा माना जाता है कि बुग्यालों में पोषण की खान है। बद्री गाय के दूध में मिलावट नहीं, सिर्फ पोषण होता है। माना जाता हैं कि असली गौदान सिर्फ बद्री गाय का ही माना जाता है।
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December 23, 2024