धीरज शर्मा।सनातन धर्म में दीपावली से जुड़े धनतेरस पर्व का विशेष महत्व है। धनतेरस पर भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना करने का विधान है।आज से ही 5 दिवसीय दीपावली का पर्व शुरू हो जाता है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं धनतेरस की पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक मास भगवान विष्णु का प्रिय महीना है। इस माह भगवान गणेश और धन की देवी माता लक्ष्मी जी के स्वागत और अभिनंदन का पर्व दीपावली, दीवाली, बग्वाल, प्रकाश पर्व आदि के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला ज्योतिर्मय पर्व है, जो धन-धान्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।दीपावली का प्रथम दिवस धनतेरस के नाम से मनाया जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है।धनतेरस से जुड़ी कथाओं के अनुसार सृष्टि के आरम्भ से ही देव और दानवों के मध्य युद्ध होते रहते थे।इस कारण दोनों ही पक्षों को हानि उठानी पड़ती थी।इस हानि से दुःखी होकर देवता ब्रह्मा के पास गये और उपाय पूछा।ब्रह्मा देवताओं को लेकर क्षीर सागर में निवास करने वाले भगवान विष्णु के पास पहुंच और उनसे इस विषय में उपाय पूछा।विष्णु जी बोले कि तुम लोग समुद्र मंथन करो।वहां से अमृत को प्राप्त करो। उस अमृत को पीकर तुम लोग अमर हो जाओगे। फिर दानव तुम्हें कभी भी हरा नहीं पाएंगे।लेकिन इसके लिए तुम्हें दानवों की सहायता लेनी होगी।अमृत के लालच में दैत्य समुद्र मंथन के लिए तैयार हो गए।वासुकी नाग की रस्सी ,मंदराचल पर्वत मथानी बना दानव और देवता समुद्र मंथन करने लगे। इस मंथन में 14 रत्न समुद्र से निकले जिनमें अंतिम रत्न अमृत था। अमृत कलश को लेकर धन्वन्तरि प्रकट हुए। इसी दिन लक्ष्मी जी भी प्रकट हुईं।इसलिये उन्हें समुद्र की पुत्री भी माना जाता है।अमृत का तात्पर्य अच्छे स्वास्थ्य से है।इसलिये भारत सरकार ने इस दिवस को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाने का निर्णय लिया है। धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य हैं और अमृत प्रकृति के वृक्ष, पौधे, फल और फूल हैं, जो विभिन्न प्रकार से हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं।इसलिए इस दिन लोग चांदी के बर्तन, सिक्के आदि खरीद कर घर में रखते हैं। आपको बताते चलें धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहा जाता है और यह कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेरजी की पूजा की जाती है। आपके घर में पूरे साल बरकत बनी रहे इसके लिए मां लक्ष्मी और कुबेरजी का आशीर्वाद भी धनतेरस पर लिया जाता है। सोने को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है और सोना उनका प्रतीक कहलाता है। इसलिए इस दिन सोना घर में लाना मां लक्ष्मी को घर में लाने के समान माना जाता है। यही वजह है कि इस दिन घर में सोना खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। अगर आप सोना खरीदने में समर्थ नहीं हैं तो जौ के दानों को भी सोने के समान माना गया है। इसलिए आप इस दिन घर में जौ लाकर भी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। धनतेरस के दिन घर में जौं के दाने और धनिया लाने से संपन्नता बढ़ती है और आपको किसी प्रकार की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। एक अन्य मान्यता के अनुसार इस दिन अकाल मृत्यु से बचने के लिये यमराज का व्रत लिया जाता है और उनकी प्रसन्नतार्थ दक्षिण दिशा में दीपक जलाया जाता है।
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