विभाग की मिलीभगत से अभिलेखों में दर्ज हुआ किराना व्यापारी का नाम, ग्रामीणों ने उठाई मामले में जांच व किराना व्यापारी से शमशान भूमि कब्जा मुक्त कराए जाने की मांग
फसली वर्ष 1396 में श्रेणी 6(3) में आबादी स्थित में मरघट में हैं दर्ज
हरिद्वार। जिले में कई सालों से सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कब्जे को हटाने के लिए कई बार स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत भी की है लेकिन सरकारी जमीन खाली कराना तो दूर की बात हैं शिकायत पर सुनवाई भी नहीं हो पा रही हैं।
ताजा मामला कनखल क्षेत्रांतर्गत ग्राम मिस्सरपुर/जमलापुर कलां स्थित श्मसान घाट (मरघट ) की जमीन पर भूमाफिया द्वारा किए गए अवैध कब्जे का हैं। जहां अवैध कब्जाधारी ने शमशान की भूमि पर न सिर्फ कब्जा ही नहीं किया बल्कि शमशान भूमि पर दुकानों का निर्माण भी अवैध तरीके से करा दिया हैं।
सूत्र बताते हैं कि राजस्व अभिलेखों में शमशान (मरघट) के रूप में अंकित भूमि पर इन दिनों कनखल के एक किराना व्यापारी अपनी बताकर जमीन बेचने के प्रयास में हैं। संबंधित विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से किराना व्यापारी ने शमशान के रूप में दर्ज खसरे में अपना नाम दाखिल करा लिया हैं। जबकि जमालपुर कलां स्थित भूमि श्रेणी 6(3 ) में शमशान (मरघट) में दर्ज हैं। फसली वर्ष 1396 से 1402 फसली अनुसार इस श्रेणी की भूमि कब्रिस्तान या शमशान(मरघट) वाली भूमि होती हैं जो आबादी में स्थित होती हैं। शमशान की जीमन कब्जामुक्त किए जाने के लिए ग्रामीणों ने आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उठाई हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि जल्द ही मामले में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। क्षेत्र के लोगों ने लोगों की जानकारी के लिए शमशान घाट भूमि स्थल पर किए गए निर्माण पर शमशान घाट मिस्सपुर लिखवा दिया हैं साथ ही मौके पर एक सीसीटीवी कैमरा भी भूमि निगरानी के लिए लगाया गया हैं।
ग्रामीणों ने गांव के मरघट पर दबंगों द्वारा कब्जा व शमशान भूमि खरीद-फरोख्त किए जाने के मामले में आक्रोश जताया हैं। ग्रामीण मनोज चौहान ने बताया कि सरकारी राजस्व के अभिलेखों में गांव का मरघट मृत शवों का दाह संस्कार किए जाने के लिए दर्ज चला आ रहा है। इसके बावजूद दबंगों ने इन स्थलों पर निर्माण करवा लिया है और अब शमशान की जमीन को कनखल का किराना व्यापारी बेचने के प्रयास में हैं। उनका कहना हैं कि मामले कि जानकारी के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश है। यदि जमीन पर कब्जा हुआ तो अंतिम संस्कार जैसी तमाम समस्याएं उत्पन्न हो जाएंगी। स्थानीय ग्रामीणों का कहना हैं कि अवैध कब्जा हटवाने व दोषियों पर कार्रवाई के लिए जल्द ही जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।