धीरज शर्मा।उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को अग्रिम आदेशों के लिए स्थगित कर दिया है।राज्य निर्वाचन आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह फैसला लिया है। जबकि, इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर चुनाव की तिथियां घोषित कर दी थी, लेकिन आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना यानी गजट नोटिफिकेशन जारी किए बिना ही चुनाव की घोषणा करने पर उच्च न्यायालय ने चुनाव प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी।अब राज्य निर्वाचन आयोग की ओर कहा गया है कि नैनीताल उच्च न्यायालय में दायर याचिका की गई है।जो गणेश दत्त कांडपाल बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य है।जिसमें 23 जून को आदेश दिया गया था कि त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए राज्य सरकार की ओर से आरक्षण की नियमावली का प्रख्यापन विधिवत अधिसूचित नहीं है।जिसके चलते इस नियमावली के अनुपालन में आरक्षण का निर्धारण और इसके अनुसार की गई पूरी कार्यवाही अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती है। जिसके बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। आज फिर से मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई।जिसमें सरकार ने अपना पक्ष रखा।इसके साथ ही आज 24 जून को उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के आग्रह पर दीपक किरोला बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य मामले में सरकार का पक्ष सुना। जिसके बाद न्यायालय ने सभी याचिकाओं को एक साथ सुनने के लिए 25 जून की तिथि निर्धारित की।ऐसे में नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र जारी कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।
राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार के आरक्षण संबंधित करवाई अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित हो गई है।जिसके चलते पदों/स्थानों के आरक्षण और आवंटन की स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन समेत अन्य चुनाव की कार्यवाही को अग्रिम कार्यवाहियों किया जाना संभव नहीं है। लिहाजा, नामांकन की कार्यवाही और अन्य कार्यवाहियों अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती है।
आपको बताते चलें कि बीती 21 जून राज्य निर्वाचन आयोग ने हरिद्वार जिला छोड़ बाकी 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर अधिसूचना जारी की थी।जिसके तहत उत्तराखंड में दो चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाने थे। जिसमें 25 जून से 28 जून तक नामांकन की प्रक्रिया होनी थी। जिसके बाद 10 और 15 जुलाई को वोटिंग होनी थी।जबकि, 19 जुलाई को मतगणना की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट न होने की वजह से उच्च न्यायालय ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
