धीरज शर्मा।आज आम आदमी पार्टी ने जिला अध्यक्ष इंजीनियर संजय सैनी के नेतृत्व में कारिडोर को लेकर कोरिडोर के सी.सी.आर. टावर में स्थित कार्यालय में टीम लीडर गंगा विजन डेवलपमेंट को ज्ञापन दिया उसके पश्चात एक विशाल विरोध प्रदर्शन रैली हरिद्वार बस स्टैंड से सूखी नदी खड़खड़ी तक निकाली।जिसमें भारी संख्या में पार्टी के पदाधिकारियो ने प्रतिभाग कर विरोध प्रदर्शन किया और कोरिडोर हटाओ हरिद्वार बचाव के पम्पलेट भी वितरित किए ।इस अवसर पर पार्टी के जिलाध्यक्ष इंजीनियर संजय सैनी ने कहा कि हरिद्वार में-हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा विगत 40 वर्षों से मास्टर प्लान लागू किया हुआ है इस मास्टर प्लान के अनुसार जटवाड़ा पुल से लेकर दूधाधारी चौक भूपतवाला तक की सड़क 30 मीटर चौड़ी प्रस्तावित है और इस सडक पर सभी प्रकार के छोटे-बड़े आवासीय, व्यवसायिक, आश्रम आदि के नक्शे पास करते समय सर्वप्रथम 30 मीटर की सड़क करने हेतु सर्वप्रथम रोड विस्तारीकरण हेतु जगह छुड़वायी जाती है उसके पश्चात 15 फुट की फ्रंट सैट बैक छुड़वायी जाती है अर्थात मास्टर प्लान के अनुसार 128 फुट चौड़ाई का स्थान पूर्णतया निर्माण मुक्त होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार कनखल चौक बाजार वाली सड़क भी मास्टर प्लान में 18 मीटर प्रस्तावित है इस पर भी उपरोक्त अनुसार रोड विस्तारीकरण वह फ्रंट सैट बैक के नियम लागू होते हैं इस रोड पर भी 89 फुट चौड़ा स्थान पूर्णतः निर्माण मुक्त है। प्राधिकरण में लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अनुसार फ्रंट सैट बैक में सड़क की और बाउंड्री की अधिकतम ऊंचाई सड़क की मध्य रेखा के स्तर से 5 फुट 6 इंच ही बनाई जा सकती है ।मास्टर प्लान सड़क होने के चलते इस सड़क पर स्थित भवनो के मानचित्र स्वीकृत करते समय लगभग 15 फुट रोड विस्तारीकरण और 15 फुट फ्रंट सैट बैक अर्थात 30 फुट छोड़कर मानचित्र स्वीकृत किए जाते हैं इस नियम के चलते लोग नियमानुसार निर्माण नहीं कर पाते इसी के चलते 1986 से वर्तमान तक इस सड़क पर निर्माण करने वाले व्यापारियों का भारी दोहन हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने किया है और फ्रंट सैट बैक ना छोड़ने के चलते लाखों- करोड़ों रुपए की पेनल्टी व्यापारियों से जमा करवा रखी है अतः अब उपरोक्त के चलते मास्टर प्लान का उल्लंघन करते हुए कॉरिडोर का निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियम सभी के लिए समान है चाहे जनता हो या फिर सरकार। इसलिए हरिद्वार में लागू मास्टर प्लान एवं हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अनुसार ही प्रस्तावित कॉरिडोर को बनाया जाए। उन्होंने मास्टर प्लान एवं भवन निर्माण एवं विकास उपविधि का पालन न करने की स्थिति में न्यायालय की शरण में जाने की बात कही।जिस सड़क पर कॉरिडोर प्रस्तावित है इस पर अधिकांशतः अखाड़ो की संपत्ति , धार्मिक ट्रस्टों की संपत्ति स्थित है। जिनमें स्थित दुकानों पर 80-80, 100-100 सालों से किराएदार बैठे हैं और फिर इनके आगे छोटे दुकानदार, रेहडी वह पटरी वाले भी बैठे हैं कारिडोर बनाने के चलते यह सभी लोग बेरोजगार हो जाएंगे।यह लोग इन दुकानों के मालिक भी नहीं है इसलिए इन लोगों को मुआवजा भी नहीं मिलेगा और यह लोग सड़क पर आ जाएंगे और अन्यत्र कहीं रोजगार भी नहीं कर पाएंगे। अतः लंबाईनुमा के रूप में विकसित हरिद्वार में ऊपर वर्णित व्यापारियों के रोजगार से जुड़े मुद्दे को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार में कोरिडोर का निर्माण नहीं किया जाए। शंकराचार्य चौक से नहर की दूसरी तरफ की पटरी पर कोरिडोर हरकी पौड़ी होते हुए पुराने आर.टी.ओ. चौक तक बनाया जा सकता है इससे हरिद्वार के पौराणिक स्वरूप को भी बचाया जा सकता है और व्यापारी भी उजड़ने से बच जाएंगे। इस अवसर महासचिव संगठन अम्बरीष गिरी, उपाध्यक्ष यशपाल चौहान,उपाध्यक्ष अमनदीप, उपाध्यक्ष शिशुपाल नेगी , अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष मेहरबान अली, सहसचिव अजय मुखिया, सहसचिव आरिफ पीरजी, रितु गिरी, गीता देवी , विपिन दाबड़े, अजय राय, काका कौशल, आशीष शर्मा, शुभम पाल, सोनू, बिजेंद्र प्रजापति,नाजिर, रविंद्र आदि मौजूद रहे।
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December 23, 2024
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