धीरज शर्मा।विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा मार्ग को देश का पहला इलेक्ट्रिक कॉरिडोर बनाने का सपना टूट गया है। यात्रा पर इलेक्ट्रिक वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चार्जिंग की सुविधा नहीं मिल पाएगी। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्ग पर 35 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनने की संभावना कम है।परिवहन विभाग की ओर से पहले चरण में 35 ई-चार्जिंग स्टेशन की डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए भारी उद्योग मंत्रालय को भेजा गया है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग सुविधा देने के लिए सरकार की ई-गलियारा बनाने की योजना है। इसकी डीपीआर तैयार कर परिवहन विभाग ने भारी उद्योग मंत्रालय को भेजी दी है।कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय से मुलाकात कर प्रदेश में ई-चार्जिंग स्टेशन जल्द बनाने का अनुरोध किया था। सूत्रों की माने तो भारी उद्योग मंत्रालय से अनुमति मिलने में समय लगेगा, जिससे चारधाम यात्रा शुरू होने से ई-चार्जिंग स्टेशन संभव नहीं है।यदि मंत्रालय की अनुमति मिल भी जाती है, तो भी कार्यदायी संस्था का चयन करने और स्टेशन बनाने में समय लग सकता है। 22 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग की सुविधा नहीं मिल पाएगी।आपको बताते चलें कि चारधाम यात्रा मार्ग 950 किमी का है। ई-गलियारा योजना के तहत हर 30 किमी पर एक ई-चार्जिंग स्टेशन बनाया जाना है। पहले चरण में 35 चार्जिंग स्टेशन के लिए 20 से 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। दूसरे चरण में मैदानी क्षेत्रों और तीसरे में बाकी बचे पर्वतीय क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है। चार्जिंग स्टेशन के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस, लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस, परिवहन निगम के बस अड्डे की जगह का चयन किया गया।परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव एसके सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्गाें पर 35 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर काम किया जाएगा। ई-गलियारा बनाने के लिए तीन चरणों में काम होगा।
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