
इन नेताओं की लग सकती है लॉटरी
धीरज शर्मा।धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे से बाद प्रदेश में सियासत का बाजार गर्म है। बदलते घटनाक्रम में कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं जोर पकड़ रही है।इस बीच खबर आ रही है कि आने वाले दो दिनों में उत्तराखंड में धामी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो सकता है। इसके साथ ही नये मंत्रियों का शपथ ग्रहण भी जल्द ही हो सकता है।मंत्री पद के लिए सामने आ रहे नामों से कई विधायकों के चेहरे भी खिल उठ हैं।विधानसभा में विवादास्पद बयान देने के बाद आखिरकार प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे पर जाने के बाद अब उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। अब राज्यपाल भी दिल्ली दौरे पर रवाना हो गये हैं।ऐसे में बन रहे सियासी समीकरणों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले एक दो दिनों में धामी सरकार की कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। पहले धामी कैबिनेट में चार मंत्री पद खाली चल रहे थे। अब प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद अब रिक्त पदों की संख्या 5 हो गई है। जिस पर चर्चा है कि इसको लेकर ही दिल्ली में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। वहीं उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल को बैलेंस बनाए रखने के लिए भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।संभावना जताई जा रही है कि गढ़वाल के तीन और कुमाऊं के दो विधायकों को मंत्री पद मिल सकता है।वहीं मंत्री पद मिलने को लेकर विधायकों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी संगठन जो जिम्मेदारी उन्हें देता है, उसे वह बखूबी निभाते हैं।अगर उन पर संगठन भरोसा करता है तो नई जिम्मेदारी के लिए भी वह तैयार हैं।कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद अब संसदीय कार्य मंत्री और वित्त मंत्री दोनों महत्वपूर्ण विभागों का पद खाली हो चुका है।फिलहाल अभी इन विभागों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को दी गई है। जबकि मुख्यमंत्री के पास पहले से ही कई विभागों की जिम्मेदारी है और अब मुख्यमंत्री का काम काफी ज्यादा बढ़ चुका है। राजनीतिक जानकारों की माने तो संसदीय कार्य मंत्री के रूप में मुन्ना सिंह चौहान का नाम आ सकता है। क्योंकि उन्हें संसदीय मामलों की अच्छी जानकारी है। वह संसदीय मामलों पर काफी पकड़ रखते हैं।वहीं इसके अलावा क्योंकि पहाड़, मैदान और कुमाऊं, गढ़वाल में बैलेंस बनाना है तो मैदान से प्रेमचंद अग्रवाल के जाने के बाद किसी मैदान के विधायक की लॉटरी भी खुल सकती है।जिसमें मदन कौशिक या फिर रुड़की से विधायक प्रदीप बत्रा का भी नाम आ सकता है।वहीं इसके अलावा देहरादून से राजपुर रोड विधानसभा से खजानदास, केदारनाथ सीट से आशा नौटियाल के नाम पर भी संगठन विचार कर सकता है।