धीरज शर्मा।उत्तराखंड को नशा और एचआईवी एड्स मुक्त राज्य बनाने के लिए जल्द ही पूरे प्रदेश में अभियान शुरू किया जाएगा। देहरादून व हरिद्वार जिले का निरीक्षण करने के बाद राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की टीम ने सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार के साथ बैठक कर सरकार की रणनीति और कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली।बैठक में सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि उत्तराखंड को नशा और एचआईवी मुक्त बनाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें प्रदेश के युवाओं को जोड़ा जाएगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार की गई। इस अभियान में राज्य को केंद्र के सहयोग की जरूरत है। बैठक में नाको की टीम ने स्वास्थ्य सचिव से नई गतिविधियों और चारधाम यात्रा में उत्तराखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई।टीम में उप निदेशक स्वास्थ्य डॉ. भवानी सिंह ने बताया कि 2030 तक देश को एड्स मुक्त बनाने के लिए ट्रिपल 95 फार्मूले के तहत रणनीति बनाई है। इसमें 95%एचआईवी संक्रमित को ढूंढना 95% संक्रमितों का इलाज और 95% एचआईवी मरीजों की वायरल लोड टेस्टिंग करना है।स्वास्थ्य सचिव ने केंद्रीय टीम को राज्य में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि नशा और एड्स मुक्त उत्तराखंड को लेकर युद्वस्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें राज्य को केंद्र के सहयोग की जरूरत है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस पर सहमति जताई है।जिला अस्पताल कोरोनेशन में शीघ्र संपूर्ण सुरक्षा केंद्र की स्थापना होगी। इसमें एचआईवी के साथ हेपेटाइटिस, टीबी व अन्य गंभीर बीमारियों का भी इलाज हो सकेगा। अभी तक इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इस केंद्र में मरीजों की काउसंलिग होगी। इसके साथ ही मरीजों के मानसिक, सामाजिक सुरक्षा के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रम स्थापित होंगे। नाको ने इसकी स्वीकृति दे दी है। कार्ययोजना की सहमति मिलते ही शीघ्र कार्य शुरू हो जाएगा।केंद्र से आई नाको की टीम ने देहरादून और हरिद्वार जनपद स्थित ओएसटी सेंटरों का निरीक्षण करने के साथ जरूरी दिशा निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हरिद्वार में जिला कारागार और जिला क्षय रोग अस्पताल परिसर स्थित केंद्र का निरीक्षण किया। टीम ने नशा लेने वाले लोगों व मरीजों की काउंसलिंग अनिवार्य करने पर जोर दिया। इसके साथ ही एड्स मरीजों की भी नियमित काउंसलिंग के भी निर्देश दिए।
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December 23, 2024