धीरज शर्मा। दिल्ली के बुराड़ी में श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट की ओर से बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है।दिल्ली में बनने जा रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर प्रदेश में चल रहे विवाद को रोके जाने को धामी मंत्रिमंडल ने बड़ा फैसला लिया है।इसके तहत चारधाम समेत प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों के नाम इस्तेमाल को लेकर कड़े विधिक प्रावधान किए जाएंगे।अब सवाल उठने लगे हैं कि राज्य सरकार, जो कानून बनाने जा रही है क्या वो कानून अन्य राज्यों में लागू होंगे या नहीं?
आपको बताते चलें कि बीते 10 जुलाई 2024 को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली पहुंचकर केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन किया था।उसके बाद से ही केदारनाथ धाम मंदिर से जुड़े तमाम तीर्थ पुरोहितों के साथ ही साधु- संत समाज और विपक्षी दलों ने सवाल खड़े कर दिए थे।प्रदेश में बढ़ रहे विवाद को देखते हुए श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक ने प्रेसवार्ता कर इस बात को कहा था कि वो अपने ट्रस्ट से धाम शब्द को हटाने के साथ ही उनके इस निर्णय से अगर साधु-संत समाज और श्रद्धालुओं को आहत हुई है तो वो माफी भी मांग लेंगे। लेकिन केदारनाथ मंदिर बनाएंगे। इस दौरान बीते 18 जुलाई की हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में कैबिनेट ने प्रदेश के चारधाम समेत प्रसिद्ध मंदिरों के नाम से ट्रस्ट या फिर समिति गठित करने के खिलाफ कठोर विधिक प्राविधान किए जाने का निर्णय लिया है।धामी कैबिनेट के इस निर्णय के बाद ही प्रदेश में अब ये सवाल उठने लगा है कि उत्तराखंड सरकार जो कानून बनाने जा रही है, क्या वो अन्य राज्यों में भी लागू होंगे?इस सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना कि चारधाम समेत प्रसिद्ध मंदिरों के नाम इस्तेमाल करने को लेकर जो कानूनी प्रावधान हैं, उसको लेकर अन्य सभी राज्यों को पत्र लिखा जाएगा।
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