धीरज शर्मा।प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आज श्री महाकालेश्वर महादेव मन्दिर जगजीतपुर हरिद्वार में श्री गणेश गायत्री परिवार ट्रस्ट प्रज्ञा कुञ्ज के तत्वधान में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग शिविर का आयोजन किया गया।जिसका शुभारम्भ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकार द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया । उन्होंने इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान कहा कि योग शब्द का शाब्दिक अर्थ- जुड़ना या मिलना होता है जो कि संस्कृत के शब्द ‘यूजी’ से बना है।योग करने से सेहत को काफी फायदा होता है।दिमाग तो शांत होने के साथ ही तनाव भी कम होता है।वहीं श्री गणेश गायत्री परिवार ट्रस्ट प्रज्ञा कुञ्ज के संस्थापक – योग मर्मज्ञ जितेन्द्र रघुवंशी ने मधुमेह, थायरॉइड, हृदय रोग, रक्तचाप, मोटापा, सिर दर्द, माइग्रेन, सर्वाइकल तथा पाचन संस्थान के विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए नित्य आधा घंटा प्रज्ञायोग व्यायाम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रज्ञायोग व्यायाम की महत्ता बतलाते हुए कहा कि अंग संचालन के साथ श्वास-प्रश्वास का ऐसा समावेश किया गया है कि निरोग रहने के लिए अन्य किसी व्यायाम की आवश्यकता नहीं रहती है। उन्होंने भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, बाह्य, उज्जायी, भ्रामरी, उद्गीथ, शीतली, सीत्कारी, चन्द्र वेधी, सूर्य वेधी, कर्ण शोधन तथा नाड़ी शोधन प्राणायामों के द्वारा विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए भी अभ्यास कराया। उन्होंने शरीर को भगवान का मंदिर बतलाते हुए कहा कि शरीर रूपी मंदिर की सफाई हमें नित्य योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इसका मकसद दुनियाभर के लोगों को स्वस्थ जीवन शैली के लिए मोटिवेट करना और योग व ध्यान के प्रति जागरूक करना है।दरअसल योग सदियों से ही भारतीय संस्कृति का खास हिस्सा रहा है और इसको आरोग्य का प्रभावी साधन माना गया है।भारत की पहल पर योग की ताकत को समझते हुए दुनिया भर में योग को महत्व दिया जाता है।इसी के चलते संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता पैदा करना है।जिससे लोग नियमित रूप से योगाभ्यास करने का समय निकाल सकें। आजकल की जीवन शैली में शारीरिक गतिविधियों में कमी की वजह से ज्यादातर लोगों को शुगर, ब्लड प्रेशर और कई और तरह की गंभीर बीमारियां हो रही हैं। जिससे निजात पाने और खुद को स्वस्थ रखने के लिए योग एक बेहतर माध्यम हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाने की वजह बहुत खास है। दरअसल ये दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है।इसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं और भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है।इस दिन सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक धरती पर मौजूद रहती हैं। जिसको प्रतीकात्मक रूप से स्वास्थ्य और जीवन से जोड़कर देखा जाता है।इसीलिए इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको बताते चलें कि 21 जून 2015 को नई दिल्ली में पहले आंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 35 मिनट तक 21 योग मुद्राओं का प्रदर्शन किया। योग दिवस दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा मनाया गया। नई दिल्ली के राजपथ पर हुए समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स अपने नाम किए।सबसे बड़ी योग क्लास 35,985 लोगों के साथ और चौरासी देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। हालांकि इस दिवस का विवादों से भी नाता रहा है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के दौरान विवाद से बचने के लिए “सूर्य नमस्कार” व “श्लोक” जप की अनिवार्यता को आधिकारिक योग कार्यक्रम से हटा दिया और मुसलमानों से इस आयोजन में भाग लेने की अपील की।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सूर्य नमस्कार को पन्थ के विरुद्ध बताते हुए इसका विरोध किया।अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, अनिल भारती तथा अष्टांग योग विशेषज्ञ अर्पण,योग शिक्षक सतपाल सिंह, सत्येन्द्र कुमार, संदीप कुमार, सतबीर सिंह, पवन उपाध्याय, आकाश वालिया, अशोक कुमार, श्रीमती आशा रघुवंशी, पूनम शैलेन्द्र सिंह, पूनम बृजेश सिंह, शीतल कालरा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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