
आई डी पी एल ध्वस्तीकरण मामला –
धीरज शर्मा।ऋषिकेश स्थित आइडीपीएल वासियों के आंदोलन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आइडीपीएल की भूमि देश के एक बड़े व्यक्ति के पास जानी है। जिसके दबाव के आगे शासन प्रशासन की कुछ नही चल पा रही है। देश और प्रदेश के आम आदमी की लड़ाई में कांग्रेस शामिल है। यहां पर कांग्रेसी बुलडोजर रोकने के साथ लाठी खाने को भी तैयार है।कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि आइडीपीएल की लड़ाई सामान्य नहीं एक बड़ी लड़ाई है। हमने डीएम से लेकर सीएम तक सभी से इस मुद्दे पर बात की है, कोई नहीं सुन रहा है। आम आदमी की इस लड़ाई में क्षेत्र के सभी छोटे और बड़े जनप्रतिनिधियों को एक साथ खड़ा होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भरी बरसात में यहां के लोग उजड़ रहे हैं और विधायक खामोश है। इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और कुछ नहीं हो सकती।इस मौके पर कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, राजपाल खरोला, जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल, ब्लाक अध्यक्ष श्यामपुर विजय पाल सिंह रावत,डोईवाला महेंद्र प्रसाद भट्ट, आवासीय कल्याण समिति की अध्यक्ष रामेश्वर चौहान, सचिव सुनील कुटलेहडिया, डा.कृपाल सिंह रावत सरोज आदि मौजूद रहे। आपको बताते चलें कि औषधि निर्माण संस्थान आइडीपीएल परिसर में स्थित आवासीय भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाही बीते रविवार को शुरू कर दी गई। वन विभाग और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में इस कार्रवाही का स्थानीय नागरिकों ने जमकर विरोध किया।यहां स्थित 850 आवासीय भवनों में प्रथम चरण में 40 भवनों को तोड़ने का लक्ष्य रखा गया। जिसमें 25 भवन जेसीबी व अन्य मशीनों से ध्वस्त कर दिए गए।नागरिकों का कहना था कि जब बीते शनिवार को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से जिलाधिकारी से बात करके कार्रवाही मानसून सत्र तक रोके जाने को कह दिया गया था तो फिर किस आधार पर कार्रवाही हो रही है।