धीरज शर्मा । देवभूमि उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें– टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल-उधमसिंह नगर और हरिद्वार हैं। उत्तर प्रदेश से पृथक हुए इस राज्य की सियासत का मिजाज द्विध्रुवीय रहा है।समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल जैसी पार्टियां भी चुनावों में उम्मीदवार उतारती रही हैं लेकिन यहां मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच ही रहा है। भाजपा इस बार ‘तीसरी बार, मोदी सरकार’ और ‘अबकी बार, 400 पार’ जैसे नारों के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। वहीं, कांग्रेस भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए पूरा जोर लगा रही है।लोकसभा चुनाव में एक-एक सीट, एक-एक वोट के लिए जारी रस्साकशी में देवभूमि उत्तराखंड की चुनावी लड़ाई रोचक हो गई है।दोनों ही दलों ने इस बार अपने बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है। हरिद्वार संसदीय सीट पर केंद्र और राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हरिद्वार सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा के त्रिवेंद्र का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र रावत से है।उत्तराखंड में चुनाव प्रचार के दौरान सेना में भर्ती के लिए अग्निवीर योजना से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा, कनेक्टिविटी और पलायन तक के मुद्दे छाए रहे। कांग्रेस अग्निवीर योजना को लेकर भाजपा को घेरती नजर आई तो वहीं सत्ताधारी दल ने विपक्षी पार्टी को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अपमान को लेकर कठघरे में खड़ा किया।बेरोजगारी के साथ ही विकास भी मुद्दा बने। भाजपा आस्था के साथ विकास को जोड़कर डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए वोट मांगती नजर आई।भू-कानून का मुद्दा भी इस दौरान छाया रहा।आपको बताते चलें कि पिछले आम चुनाव में राज्य की सभी पांच सीटों से भाजपा के उम्मीदवारों को जीत मिली थी और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। भाजपा के टिकट पर हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल से अजय भट्ट, टिहरी गढ़वाल से माला राज्यलक्ष्मी शाह, गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत और अल्मोड़ा से अजय टम्टा बड़े अंतर से जीतकर संसद पहुंचे थे।कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रीतम सिंह, प्रदीप टम्टा जैसे दिग्गज नेताओं को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
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December 23, 2024