धीरज शर्मा।साइबर ठगों के नए शातिराना तरीके सामने आए हैं। जिनमें लालच और विश्वास का दुरुपयोग कर बड़ी रकम की ठगी की जा रही है।पुलिस के नाम पर साइबर ठगी का एक नया तरीका सामने आया है। इस ठगी में जनता को पुलिस के नाम पर डराकर साइबर ठग अपना शिकार बना रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट करके पैसे ठगे जा रहे हैं तो कभी ओटीपी-पासवर्ड पता करके खाता खाली किया जा रहा है। अब ठगों का नया नया तरीका ट्रेंड कर रहा है, जिसमें इस तरह की कॉल लोगों के पास आती है। कुछ लोग साइबर अपराधों के प्रति जागरूक है। ऐसे में उनकी जागरूकता ने उनको ठगी का शिकार होने बच जाते हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला राजधानी देहरादून से सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार बीते रोज नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना नगर निगम में अपने कार्यालय में बैठे हुए थे। उसी दौरान उनके पास 923196055255 नामक नंबर से कॉल आई। सामने से बोल रहे युवक ने अपने आप को उत्तर प्रदेश पुलिस से बताया। फोन कर्ता ने कहा कि उनकी बेटी को गिरफ्तार किया गया है और फिलहाल वह लखनऊ सदर थाने में है। डॉ. अविनाश खन्ना ने इसके पीछे का कारण पूछा तो वह बातों को घुमाने लगा। उन्होंने पूछा कि अब क्या करना होगा? जिस पर फोन करने वाले ने कहा कि सेटिंग-गेटिंग करके मामला सुलझाया जा सकता है।इसलिए अगर चाहते हो कि बेटी को जेल ना भेजा जाए तो एसबीआई के खाता संख्या 39149931454 जो कि सद्दाम हुसैन के नाम से संचालित है में या फिर 7070342813 मोबाइल नंबर पर यूपीआई के माध्यम से 30 हजार रुपये भेज दो। डॉ. खन्ना तब तक समझ चुके थे कि यह साइबर फ्राॅड कॉल है। उन्होंने फोन काट दिया। उन्होंने साइबर सेल को इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। साइबर सेल थाना सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया है कि नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अविनाश खन्ना द्वारा शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है।आपको बताते चलें कि इसमें इस तरह के साइबर अपराधों के प्रति पुलिस के तरफ से जागरूक किया जाता है। साइबर अपराधों से बचने सबसे अच्छा तरीका जागरूकता है। ऐसे में पुलिस और बैंकिंग संस्थाएं भी लोगों से इस तरह की अपील करती हैं कि किसी को भी अपने निजी जानकारी, ओटीपी बिल्कुल ना साझा करें।साइबर क्राइम का कहना है कि एफआईआर या न्यायालय द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के दौरान एनबीडब्ल्यू से संबंधित किसी व्यक्ति को फंसाने के नाम पर या गिरफ्तारी के नाम से फोन करके पुलिस के नाम पर पैसे की मांग की जाती है। ये ठग पुलिस के नाम पर धमकी देते हैं और पैसे उगाहते हैं। ऐसे मामलों में तुरंत नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराना चाहिए।साइबर ठग पुलिस को बदनाम कर रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं।
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