
धीरज शर्मा।उत्तरी हरिद्वार में नेशनल हाईवे फ्लाईओवर के नीचे हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण स्पोर्ट्स जोन और पार्किंग एवं पार्कों को विकसित कर रहा है। एचआरडीए ने डामकोठी शंकराचार्य चौक से लेकर भूपतवाला फ्लाईओवर तक कई स्थानों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रेलिंग, स्पोर्ट्स जोन, पार्क और पार्किंग का निर्माण किया है। ऐसे में उत्तरी हरिद्वार के लोग मध्यम और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए सार्वजनिक बारातघर बनवाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि धर्मशालाएं, होटल एवं बारात घर के संचालक स्थानीय लोगों से मनमाफिक किराया लेते हैं। जो इन लोगों को बहुत महंगा होगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 80 हजार से ज्यादा आबादी भूपतवाला फ्लाईओवर के आसपास निवास करती है। यहां पर धर्मशालाएं और निजी बारात घर एवं होटल बड़ी संख्या में हैं। इनके साथ ही मध्यमवर्गीय परिवार भी काफी संख्या में निवास करते हैं। जो निजी बारात घरों या धर्मशालाओं का खर्चा वहन करने में असमर्थ हैं।धर्मशालाओं और निजी बारात घर का किराया भाड़ा बहुत महंगा है।यह क्षेत्र पूरी तरह धार्मिक होने के कारण शादी के साथ-साथ कथाओं का सीजन शुरू हो जाता है। इस दौरान धर्मशाला या बारात घर संचालक महंगे दामों पर पहले ही कथाओं के लिए बुक कर देते हैं। इस स्थिति में स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।बारातघर की देखरेख के लिए किसी संस्था को जिम्मेदारी दी जाए। यहां पर सीवर लाइन भी पहले ही डाली गई है।फ्लाईओवर के नीचे बारातघर बनाने को लेकर नगर निगम और एचआरडीए कार्यालय में दोनों विभागों के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह स्थान उत्तरी हरिद्वार के बीच केंद्र में है।उनके चारों तरफ आवासीय कालोनियां है। इसमें एक हजार से ज्यादा लोगों का कार्यक्रम आसानी से हो सकता है। सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक या अन्य कार्य करने के लिए यहां जगह नहीं बची है।स्थानीय लोगों कहना है कि फ्लाईओवर के नीचे बड़े पैमाने पर जमीन खाली पड़ी है। यह बारातघर बनाने के प्रयोग में लाई जा सकती हैं।आपको बताते चलें कि फ्लाईओवर के नीचे स्पोर्ट्स जोन युवाओं के खेलने के लिए बनाया गया है। इससे युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर बेहतर सुविधा दी गई है। वहीं एनआरडीए सचिव मनीष कुमार का कहना है कि अप्रैल माह में हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक प्रस्तावित है। बोर्ड बैठक में बारात घर निर्माण के प्रस्ताव को भी रखा जाएगा। अनुमति मिलने के बाद स्थान का चयन कर इसका निर्माण की कवायद शुरू की जाएगी। एचआरडीए लोगों को सुविधाएं देने के लिए ही बना है।