देहरादून। टिकट नहीं दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों में असंतोष की भावना पैदा हो गई और इनमें से कई ने या तो दूसरी पार्टियों में चले जाने या निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने 59 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची में कई सीटों पर कांग्रेस के दलबदलुओं को तरजीह दी है, अब टिकट से वंचित किए कई लोग अपनी आहत भावनाओं के साथ खुलकर सामने आ गए हैं।
इन असंतुष्टों में सबसे बड़े नाम थराली से मौजूदा विधायक मुन्नी देवी शाह और दा्वाराहाट विधायक महेश नेगी के हैं। शाह ने कहा, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को यह बताना चाहिए कि मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया। मैंने केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के साथ ही अपने निर्वाचन क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास कार्य किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें दुख नहीं होता अगर पार्टी ने सीट से समर्पित पार्टी कार्यकर्ता को उनकी जगह टिकट दिया लेकिन उसने कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी को तवज्जो दी। इस सीट से मौजूदा विधायक एवं अपने पति मगन लाल शाह के निधन के बाद 2018 में उपचुनाव में जीतने वाली शाह ने कहा, इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। उन्होंने कहा कि उनके समर्थक उनपर दवाब बना रहे हैं कि वह सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ें जहां भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आए भोपाल राम टमटा को उतारा है। सितंबर 2020 में बलात्कार के एक मामले के आरोपी, नेगी ने कहा कि उन्हें साजिश के तहत टिकट नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी संगठनात्मक सर्वेक्षणों में उनका नाम सबसे ऊपर था फिर भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। नरेंद्र नगर सीट से टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे ओम गोपाल रावत कांग्रेस में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। भाजपा ने इस सीट से एक बार फिर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को उतारा है। रावत ने कहा, भाजपा समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं की परवाह नहीं करती जो संगठन को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर मेहनत करते हैं। इसके कोई सिद्धांत या मूल्य नहीं हैं। यह बस सत्ता चाहती है
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December 23, 2024