सिद्धार्थ त्रिपाठी। किच्छा मे मुस्लिम समाज में अब निकाह के दौरान यदि डी.जे.बजाया तो उसमे विवाह में मौलवी निकाह नही पढ़ाएंगे। काजी शहर मुफ्ती मो. याकूब रजा सकाफी की अगुवाई में जामा मस्जिद के निकट मदरसे में आयोजित बैठक में तय किया गया कि जिस शादी में शरीयत के खिलाफ गैर शरअई (बेहूदा हरकतों) को अंजाम दिया गया तो उस शादी का बहिष्कार किया जाएगा। मो. याकूब रजा सकाफी ने बताया कि डी.जे. की आवाज से बीमार, लाचार, बूढ़े और बच्चों को परेशानी होती है। इस्लाम इसकी अनुमति नही देता। मुस्लिम समाज के लोगों को शादी में फिजूल खर्च से बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि ढोल, बाजे, म्यूजिक, डांस पार्टी पर पाबंदी लगाने की चर्चा की गई है। फैसला लिया गया कि समाज के वरिष्ठ लोग ऐसे कार्य करने वालों का बहिष्कार करेंगे। आईमा ए किराम और मस्जिद के जिम्मेदार लोग निकाह में शिरकत नहीं करेंगे। वे निकाह भी न पढ़ेंगे और किसी को पढ़ने भी न देंगे। वहां पर सिरौलीकलां के मुफ्ती साजिद राज, नई बस्ती के मौलाना शमशाद अहमद, रजाबंडिया के हाफिज अख्तर, मौलाना नजीम इस्लाम, कारी शाहिद, हाफिज इश्तियाक,मौलाना इफ्तेखार, मौलाना शफीक आदि थे।
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