धीरज शर्मा। आज भगवान शिव को प्रिय मास श्रावण का पहला सोमवार है। मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है। इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की अपार कृपा मिलती है।
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव श्रावण मास में अपनी ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर प्रजापति मंदिर में ही निवास करते हैं। यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं।ऐसे में भगवान शंकर का जलाभिषेक किया जाए तो वे प्रसन्न होते हैं।हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य शिवालयों में भी भोले के भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं।भगवान शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में तो सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है।श्रावण के माह और पहला सोमवार होने के चलते बड़ी संख्या में शिवभक्त यहां भगवान शंकर का जलाभिषेक करने आ रहे हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण के महीने में शिव की अराधना का खास महत्व माना जाता है।क्योंकि सोमवार का दिन भोलेनाथ को प्रिय होता है।कहा जाता है कि शिव को श्रावण में वह भी सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से वो भक्तों से जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। सोमवार को गंगा जल, दूध, दही, शहद, धतूरा, घी, भांग आदि से अभिषेक करने का महत्व है। श्रावण मास में भगवती गंगा के जल से महादेव के अभिषेक का विशेष महत्व है।
भगवान शंकर ने दक्षेश्वर महादेव के रूप में एक माह स्वयंभू लिंग के रूप में रहने का वचन दिया था। श्रावण में उनके द्वारा दिए वचन के अनुरूप भगवान शंकर दक्षेश्वर महादेव यानी अपनी ससुराल हरिद्वार में रहते हैं। यहां कटे हए सिर के रूप में विराजमान हैं।जो भी यहां श्रावण में शिव का जलाभिषेक करता है, भगवान शंकर उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
