धीरज शर्मा।उत्तराखंड सरकार ने एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र में बच्चों के प्रवेश सीमा में छूट देने का निर्णय लिया है। कक्षा एक में एडमिशन लेने वाले बच्चों की आयु 6 साल पूरा होना अनिवार्य है, लेकिन ऐसे देखा गया है कि तमाम बच्चे एक अप्रैल को 6 वर्ष की आयु पूरी नहीं कर पा रहे है, जिसके चलते उनके एडमिशन में दिक्कतें आ रही थी, ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 में संशोधन कर दिया है।जिस संबंध में उत्तराखंड शासन ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।
उत्तराखंड शासन की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेश में अब कक्षा एक में बच्चे के प्रवेश के लिए छह साल की आयु पूरी होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी।यानी जो बच्चा नए शैक्षिक सत्र एक अप्रैल के बजाय एक जुलाई तक छह साल की उम्र पूरी कर लेता है तो उसे कक्षा एक में प्रवेश मिल जाएगा।इस अधिसूचना के जरिए बच्चों को तीन महीने की राहत दी गई है।
आपको बताते चलें कि उत्तराखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली में संशोधन के बाद वर्तमान शैक्षिक सत्र 2025-26 से ही लागू हो गई है।अभी तक स्कूलों में क्लास एक में एडमिशन लेने वाले बच्चों की उम्र शैक्षिक सत्र की शुरुआत यानी एक अप्रैल तक छह साल पूरा होने की बाध्यता के चलते प्रवेश नहीं ले पा रहे थे।प्राथमिक स्तर पर नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी में एडमिशन लेने वाले बच्चों में ऐसी संख्या काफी रही कि जो एक अप्रैल को छह साल की आयु पूरी नहीं कर पा रहे है, जिसके चलते उत्तराखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया था. इस नियमावली में “महीने” के स्थान पर “शैक्षिक सत्र प्रारंभ” होने का जिक्र किया गया था. जिसके बाद इस नियमावली में संशोधन करते हुए “शैक्षिक सत्र प्रारंभ” की जगह पर “एक जुलाई” की तिथि कर दिया गया है.
