हरिद्वार। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही सरकारी अधिकारी कर्मचारी व पुलिस विभाग मनमानी पर उतर आया है क्योंकि सत्ता का कोई नियंत्रण फिलहाल इन पर नहीं है लिहाजा उनके कार्यों में भी कोताही बरती जा रही है हरिद्वार का हृदय स्थल कहे जाने वाला हर की पौड़ी क्षेत्र भी इन दिनों इसी दुर्दशा का शिकार है हालात यह है कि जहां एक और गंदगी का साम्राज्य पसरा हुआ है वही अतिक्रमण के चलते परिवहन व्यवस्था भी चरमरा गई है स्थिति इतनी खराब है कि पैदल आने-जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय निवासियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है चौराहे के मध्य में बेशर्मी की हद पार कर डटे रहने वाले बैटरी रिक्शा चालक व भिखारी अपने स्थान से हटने को तैयार नहीं होते और दो पहिया वाहन चालक होरन दे दे कर परेशान हो जाते हैं। दुर्भाग्य का विषय यह है कि पास में खड़े पुलिसकर्मी देख कर भी अंजान बने रहते हैं 60 फुट चौड़ी सड़क 6 फुट की संकरी गली बनकर रह गई है परंतु पुलिसकर्मियों को इसकी कोई परवाह नहीं। इस अवस्था में इजाफा आचार संहिता लगने के बाद हुआ है। पहले पालिका मार्केट के सामने तैनात रहने वाला पुलिस कर्मी भी अब ड्यूटी से नदारद है दूसरी ओर मुख्य मार्ग पर लगे गंदगी के अंबार जहां वातावरण को दूषित करते हैं वही मार्ग पर बे तरकीब पड़े कूड़े को आवारा पशु फैलाकर और भयावह बना देते हैं। बैटरी रिक्शा चालकों की बेशर्मी का आलम यह है कि कोतवाली के समीप जिला व महिला चिकित्सालय में आने जाने वाली एंबुलेंस भी इनकी हठधर्मिता से इस कदर परेशान है कि काफी देर तक सायरन देने के बाद भी टस से मस नहीं होते बेशक एंबुलेंस में पड़े मरीज की जान पर ही क्यों न बन जाय कई मर्तबा स्थिति जय हो जाती है कि आते- जाते राहगीर व एंबुलेंस में मरीज के परिजन नीचे उतर कर बैटरी रिक्शा व ऑटो विक्रम चालकों के हाथ जोड़ते देखे जाते हैं। पुलिस विभाग की इन बैटरी ऑटो विक्रम चालकों के सामने ऐसी लाचारी अक्सर चर्चाओं का विषय बना है
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April 19, 2025