
धीरज शर्मा हरिद्वार ।उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के गठन के लिए 14 फरवरी को मतदान के बाद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है। प्रदेश की सत्ता कौन संभालेगा, इसका फैसला आने वाली 10 मार्च को होगा, लेकिन राजनैतिक दलों ने गणना से पहले ही सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ भाजपा की सक्रियता के बाद कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुई मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। इस मुलाकात को प्रदेश में भाजपा की ओर से सरकार गठन की संभावनाओं के लिए की जाने वाली जोड़-तोड़ की राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
वहीं कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस पार्टी के नेता 40 सीटों से ज्यादा जीतने का दावा कर रहे हैं। लेकिन उनकी भी सांसें अटकी हुई हैं। जादुई आंकड़े की स्थिति में पार्टी को निर्दलियों और दूसरे दलों के जीते नेताओं की जरूरत पड़ेगी। पार्टी ने भी बसपा, यूकेडी और निर्दलीयों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। जीतने वाले बगावती नेता भी पार्टी की नजर में है। वहीं पार्टी दलबदलुओं को लेकर भी चिंतित है। वर्ष 2016 में पार्टी एक बार दलबदल का दंश सह चुकी है। मथुरा दत्त जोशी ने बताया कांग्रेस 10 मार्च को बहुमत की सरकार बनाने जा रही है, लेकिन पार्टी सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को साथ लेकर आगे बढ़ेगी। बहुमत में आने पर भी पार्टी सबको साथ लेकर चलेगी। तमाम निर्दलीय और दूसरे दलों के लोग पार्टी के संपर्क में है।