धीरज शर्मा
हरिद्वार में बीते दिन एयरफोर्स के रिटायर्ड जवान भगवान सिंह की गोली मारकर हत्या करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। रिटायर्ड जवान का हत्यारोपी कोई और नहीं, बल्कि मृतक का इकलौता बेटा यशपाल ही निकला है।बताया जा रहा है कि बेटे ने प्रॉपर्टी के लालच अपने दोस्तों को सुपारी देकर पिता की हत्या करवाई है।पिता के मर्डर के लिए बेटे ने दोस्तों को तीस लाख रुपए की सुपारी दी थी।
बीती 29 नवंबर की रात एयरफोर्स के रिटायर्ड जवान भगवान सिंह की किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।भगवान सिंह के बेटे यशपाल ने ही पुलिस को इस मामले की सूचना दी थी।भगवान सिंह के बेटे यशपाल ने पुलिस को बताया था कि लिफ्ट लेने के बहाने अज्ञात व्यक्ति उनकी कार में बैठा और उस व्यक्ति ने उसके पिता को गोली मार कर आरोपी मौके से फरार हो गया।
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और भगवान सिंह के बेटे से पूछताछ की तो उसने बताया कि वो किसी दोस्त की शादी में जा रहा था। पुलिस ने जब दोस्त के बारे में पूछा तो आरोपी कोई सही जवाब नहीं दे पाया। इस वजह से पुलिस के शक की सुई भगवान सिंह के बेटे यशपाल पर भी गई, क्योंकि उसी दिन यशपाल के किसी दोस्त की शादी नहीं थी।पुलिस का कहना है कि उनकी टीम ने यशपाल से कई घंटे पूछताछ की, लेकिन वो बार-बार अपने बयान बदल रहा था और सही जानकारी नहीं दे रहा था।जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो आरोपी यशपाल ने अपना जुर्म कबूल किया।आरोपी ने बताया कि उसने ही दोस्तों के साथ मिलकर अपने पिता की हत्या की थी।
पुलिस ने बताया कि रिटायर्ड जवान भगवान सिंह के पास करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी थी। यशपाल, भगवान सिंह का इकलौता बेटा है। यशपाल गलत संगत में पड़ चुका था।इसलिए उसके अपने पिता भगवान सिंह से भी संबंध ठीक नहीं थे।यशपाल किसी भी कीमत पर पिता की प्रॉपर्टी अपने नाम कराना चाहता था, लेकिन पिता उसके लिए तैयार नहीं थे।पिता भगवान सिंह ने अपने बेटे यशपाल को संपत्ति से बेदखल करने को भी कह दिया था। इससे गुस्साए यशपाल ने अपने दोस्तों ललित मोहन उर्फ राजन व शेखर निवासी सीतापुर ज्वालापुर हरिद्वार के साथ मिलकर अपने पिता भगवान सिंह की हत्या करने की योजना बनाई।पिता की हत्या के बदले यशपाल ने अपने दोनों दोस्तों को तीस लाख रुपए और एक स्कॉर्पियो कार देना तय किया था। इसके बाद ही हत्या की साजिश रची गई थी। योजना के अनुसार तीनों ने तय किया था कि यशपाल अपने पिता भगवान सिंह को रोशनाबाद झूठी शादी में ले जाने के बहाने रात में ज्वालापुर बहादराबाद नहर पटरी पर लेकर आयेगा।वहीं पर उसे राजन व शेखर जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास मिलेंगे।वहीं पर यशपाल अपने दोस्तों राजन व शेखर को शादी में ले जाने के बहाने कार में बैठाएगा, तभी वो भगवान सिंह की गोली मारकर हत्या कर देंगे।हत्या के पहले तीनों से 29 नवंबर दोपहर को नहर पटरी ज्वालापुर बहादराबाद पर रेकी भी की थी।
पुलिस के अनुसार, तीनों आरोपियों ने प्लान के मुताबिक बिल्कुल वैसा ही किया।29 नवंबर की रात को यशपाल ने अपने पिता भगवान सिंह को दोस्त की झूठी शादी में चलने के लिए तैयार किया। रात को करीब आठ बजे यशपाल अपने पिता भगवान सिंह को कार से जटवाला पुल से आगे डैम पर लेकर पहुंचा, जहां पहले से ही ललित मोहन उर्फ राजन व शेखर उसका इंतजार कर रहे थे।पुलिस के अनुसार कार भगवान सिंह चला रहे थे, लेकिन जैसे ही वो डैम पहुंचे, तभी यशपाल ने खुद ड्राइव करने के लिए गाड़ी रुकवाई। इसके बाद यशपाल ड्राइविंग सीट पर आ गया।तभी राजन भी कार के पास आया।यशपाल ने राजन को अपना दोस्त बताकर कार में बैठा लिया।कार में बैठते ही राजन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो राउंड फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। भगवान सिंह की मौत के बाद राजन कार से उतरकर फरार हो गया।वारदात के कुछ समय बाद यशपाल ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस ने इस मामले में भगवान सिंह के बेटे यशपाल समेत तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।आरोपियों के पास से पुलिस ने तमंचा भी बरामद किया है।
