
धीरज शर्मा ।आज के जमाने को भले ही मोबाइल फोन की काफी लत लग गई हो, भले ही इंटरनेट पर सभी कुछ आसानी से देखने को मिल जाता है। लेकिन रामलीला मंच एक ऐसा मंच है, जो आज भी लोगों को मोबाइल फोन से निकालते हुए मंचन देखने को मजबूर करता है। दशकों से रामलीला मंचन के साथ लोगों को जोड़ कर रखने वाली श्री रामलीला परिषद कनखल ने एक पखवाड़े तक हर श्रोता को श्री राम के चित्रण के साथ मिलाया। रामलीला का आयोजन सफलतापूर्वक करने के बाद श्री राम जी का राजतिलक करने के उपरांत रामलीला का समापन किया गया।इसके साथ परिषद के पदाधिकारियों ने श्री राम चंद्र, माता सीता, लक्षमण, भरत, शत्रुघन, परम भक्त हनुमान की आरती की गई।उल्लेखनीय है कि तीर्थ नगरी हरिद्वार में कनखल की रामलीला सबसे प्राचीन रामलीला है।रामलीला परिषद के संयोजक शैलेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 14 अक्टूबर तक रामलीला का मंचन किया गया, जिसमें कलाकारों ने दिन रात मेहनत करके रामलीला के पात्रों का रोल निभा लोगों को राम की लीला के साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि आयोजन में सभी पदाधिकारियों, सभी शहरवासियों का सहयोग तन मन धन से रहा ।उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुए श्री राम से सभी के मंगल की कामना की।अंत मे प्रभु श्री राम जी की आरती उतारी गई, जिसमें रामलीला ग्राउंड में मौजूद सभी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके उपरांत परिषद ने भंडारे का आयोजन किया जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।जय श्री राम के जयघोष के साथ रामलीला का समापन किया गया।आपको बताते चलें कि नवरात्रि के नौ दिनों तक चलने वाली रामलीला लोक-नाटक का एक रूप है। रामलीला का विकास मुख्य तौर पर उत्तर भारत में हुआ था जिसके प्रमाण करीबन ग्यारहवीं शताब्दी में मिलते हैं। कहा जाता है कि पिछले समय में रामलीला महर्षि वाल्मीकि के महाकाव्य ‘रामायण’ की पौराणिक कथाओं पर की जाती थी, परंतु आज के समय में हम जिस रामलीला का मंचन देखते हैं उसकी पटकथा ‘रामचरितमानस’ की कहानियों पर आधारित है। जिसे गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा था। कहा जाता है कि पहली बार रामलीला का मंचन गोस्वामी तुलसीदास के शिष्यों द्वारा 16वीं सदी में किया गया था।उस समय काशी के राजा ने गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस को पूर्ण करने के बाद रामनगर में रामलीला कराने का संकल्प लिया था। कहा जाता है कि उसी समय से देशभर में रामलीला के नाटक का प्रचलन शुरू हो गया। इस मौके पर संजय कौशिक, ओमप्रकाश देहरादून वाले, प्रमोद शर्मा, अजय प्रधान योगेश भारद्वाज, जगमोहन भारद्वाज, सिद्धार्थ त्रिपाठी, प्रतीक चौधरी, समीर गुप्ता, प्रवीण शर्मा, विवेक, वासु, आदि उपस्थित रहे।