धीरज शर्मा।उत्तराखंड प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि और किताबों से जुड़ी मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने बीते वर्ष उत्तराखंड में विद्यालय मानक प्राधिकरण का गठन किया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को इस प्राधिकरण के रूप में काम करने के लिए अधिकृत किया गया, लेकिन प्राधिकरण इन स्कूलों के लिए एक भी मानक नहीं बना पाया है। प्रदेश के सरकारी, अशासकीय और निजी सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और जरूरी मानकों के लिए शासन ने एससीईआरटी को राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण के रूप में काम करने के लिए नामित किया था। बीते वर्ष पांच जनवरी को शासन की ओर से इसका आदेश जारी करते हुए कहा गया कि प्राधिकरण बच्चों की सुरक्षा, आधारभूत ढांचा, कक्षा-विषयों के आधार पर शिक्षकों की संख्या, वित्तीय ईमानदारी आदि पर न्यूनतम मानक बनाएगा।मानक प्राधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राज्य के समस्त सरकारी, अशासकीय और निजी स्कूल में शिक्षा के सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने थे। स्कूलों की मान्यता की शर्त तय करने, उसका पालन कराने और स्कूलों से संबंधित किसी भी तरह की कोई शिकायत मिलने पर उसकी जांच भी प्राधिकरण को करनी थी।विभागीय अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बनने वाला प्राधिकरण एक अर्द्ध न्यायिक आयोग है, जो किसी स्कूल की मान्यता पूरी तरह से समाप्त करने के साथ ही स्कूल को दंडित कर सकता है। एक वेबसाइट बनाकर स्कूलों की कक्षाओं, छात्रों, शिक्षकों की संख्या, पढ़ाए जाने वाले विषय, फीस आदि की सूचनाओं को सार्वजनिक कराएगा। निजी स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए वेतन भी तय करेगा, लेकिन शासनादेश के बाद इस दिशा में नियम कानून बनाने के मामले में कोई कार्यवाही नही हुई।प्रत्येक वर्ष शिक्षा सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों पर स्कूल ड्रेस, किताब और फीस वृद्धि को लेकर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। इस पर रोक के लिए सरकार की ओर से फीस एक्ट लागू करने का वादा किया जाता रहा है। हरीश रावत की कांग्रेस सरकार में इसके लिए एक्ट का ड्राफ्ट तैयार किया गया था, लेकिन तब सरकार इसे लागू करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इसके बाद भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार की हिम्मत भी जवाब दे गई।बीते वर्ष सरकार की ओर से एनईपी के तहत प्राधिकरण के गठन का आदेश होने बावजूद प्राधिकरण का ढांचा भी अभी तक नही बन पाने के साथ ही इस दिशा में कोई नियम कानून बना पाया है।एससीईआरटी के अपर निदेशक आरडी शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार ने एनसीईआरटी को और एनसीईआरटी ने सीबीएसई को स्कूल मानक प्राधिकरण के नियम कानून बनाने के लिए अधिकृत किया है। सभी स्कूल इसके दायरे में आएंगे। सीबीएसई की ओर से एक आदर्श ढांचा बनाया जाना है, जिसके आधार पर राज्य में भी काम किया जाएगा।
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