धीरज शर्मा।नई आबकारी नीति में अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दाम पर शराब बेचने वालों के लाइसेंस निरस्त होंगे। नई आबकारी नीति में इसका प्रावधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर अब केवल अपने जिले की शराब की दुकान से ही शराब ले सकेंगे।शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायतें आम बात हैं। नई आबकारी नीति में इस पर लगाम कसने के लिए खास प्रावधान किया गया है। अगर किसी दुकान की पांच बार एमआरपी से अधिक वसूली की शिकायत आई तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।बैठक में तय किया गया कि देशी मदिरा के पव्वे कांच के बजाए अब टेट्रा पैक में मिलेगा ताकि मिलावट पर अंकुश लगाया जा सके।राज्य सरकार ने डिपार्टमेंटल स्टोर के लाइसेंस का शुल्क पहाड़ों में आठ लाख रुपए और मैदानी जिलों में आठ से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है।नई आबकारी नीति में बार रेस्टोरेंट के शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई है। समुद्र आयतित मदिरा की कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है। राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर अब अपने जिले में स्थित शराब ठेके से ही शराब ले सकेंगे, जिससे उनकी मनमानी पर लगाम लगेगी।आपको बताते चलें कि नई नीति में दैवीय आपदा या धरना प्रदर्शन के दौरान बंद रहने वाली दुकान का जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उस अवधि का राजस्व माफ करने का प्रावधान किया गया है।
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