सिद्धार्थ त्रिपाठी (हरिद्वार)। हरिद्वार मे गंगा की मुख्य धारा में रिवर ड्रेजिंग को लेकर मातृसदन के सन्त के अनशन पर बैठने के बाद मचे बवाल के बाद अब संत समाज की प्रतिक्रिया भी आने लगा है। एक तरफ जहां मातृ सदन के संत रिवर ड्रेजिंग के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं, दूसरी तरफ कुछ संतो ने रिवर ड्रेजिंग को सही ठहराते हुए गंगा की सफाई होना बेहद आवश्यक बताया है। खनन को लेकर रविवार को हरिद्वार में प्रशासन के पक्ष में आए महामंडलेश्वर ने ड्रेजिंग का समर्थन भी किया, साथ ही अन्य नदियों में ड्रेजिंग कराने की मांग की है। निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी महाराज ने गंगा सहित सभी नदियों में नियमित सफाई (ड्रेजिंग) कार्य का समर्थन किया। उन्होंने गंगा से सिल्ट हटाए जाने को खनन करार दिए जाने पर भी सवाल उठाए हैं।
मीडिया से बातचीत में महामंडलेश्वर ललितानंद गिरी ने कहा कि बीते कई सालों से हरिद्वार से बहने वाली गंगा में ड्रेजिंग नहीं हो पाने के कारण उसके तटों के साथ ही आस पास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो रही है। इस कारण अब गंगा की समुचित गहराई बरकरार रखने के लिए सिल्ट हटाने काम किया जा रहा है। उन्होंने विशेषकर गंगा किनारे रहने वाले आमजन की सुरक्षा के लिए गंगा की सफाई होना आवश्यक बताया।
महामंडलेश्वर ने कहा कि यदि गंगा सफाई के नाम पर अवैध खनन होता है तो सिस्टम उस पर नकेल कसे। गंगा की सफाई उतनी ही जरूरी है जितना मानव जीवन है, क्योंकि सफाई न होने से गंगा रौद्र रूप लेकर कहर बरपा सकती है। गंगा सफाई के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बिना मातृ सदन संस्था का नाम लिए वह बोले, अगर किसी को गंगा सफाई को लेकर कोई शिकायत है तो इसकी शिकायत राज्य सरकार से की जाए, जिसमे उसकी जांच कर सरकार दूध का दूध पानी का पानी करेगी। ऐसे राज्य सरकार पर सीधे आरोप लगाना ठीक नहीं है।