धीरज शर्मा।निकाय चुनाव को लेकर अब तस्वीर लगभग साफ हो गई है।वार्डों के आरक्षण तय होने से अब दावेदारी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट हो गई है।विशेषकर भाजपा में सैकड़ों दावेदारों पहले से ही ताल ठोक रहे हैं जिनमें से कुछ को भले ही आरक्षण तय होने के बाद निराशा हाथ लगी हो, लेकिन ज्यादातर अभी दावेदारी की ताल ठोक रहे हैं। अब जल्द ही दावों की जमीनी हकीकत परखने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से कई मानकों पर परखने के बाद ही नाम पर विचार किया जाएगा। चुनाव को लेकर दावेदार अपने आकाओं के चक्कर काट रहे हैं और क्षेत्र में भी सक्रिय हो गए हैं।भाजपा में कई ऐसे दावेदार हैं जो दो से तीन बार पार्षद रह चुके हैं। संगठन की ओर से ऐसे दावेदारों को भी कड़े मानकों पर आंका जाएगा।सूत्रों की मानें तो पार्टी पदाधिकारी उनकी भी धरातलीय रिपोर्ट तैयार कराने में जुटे हैं। यह भी देखा जाएगा कि बीते कुछ समय में उन्होंने संगठन के कितने कार्यक्रम और आयोजित बैंठकों में कितनी भागीदारी निभाई।इसके अलावा नए चेहरों को भी अपनी क्षेत्र में पकड़ और लोकप्रियता साबित करनी होगी।बीते कुछ माह से चल रहे भाजपा के प्राथमिक सदस्यता व सक्रिय सदस्यता अभियान से भी पार्षद पदों की दावेदारी परखी जाएगी। इस अभियान में सभी कार्यकर्ताओं को लक्ष्य दिए गए थे, जिसे पूरा करने में कई कार्यकर्ताओं के हाथ-पांच फूल गए। ऐसे में पार्टी पदाधिकारी इसे भी आधार बना सकते हैं। इसके साथ ही वार्डों में दावेदारों की धरातल पर सक्रियता का जायजा लिया जाएगा।
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