हरिद्वार। नशे व डिप्रेशन को जड़ से समाप्त करने के लिए संगीत चिकित्सा पर एक गोष्ठी हरिद्वार पावन धाम आश्रम मे आहूत की गई। जिसमे प्रदेश व देश के अनेक स्थानो से आए विशेषज्ञ व सामाजिक कार्यकर्ताओ ने अपने विचार रखे। और तय किया गया कि 10 अक्तूबर को हरिद्वार मे कैम्प का आयोजन कर संगीत चिकित्सा की जानकारी दी जाएगी। और उत्तराखंड को नशे व तनाव से मुक्त करने का अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा नेता राष्ट्रीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि संगीत भारत की आत्मा है, और दुनिया के हर दुख को दूर करने की ताक़त केवल संगीत रखता है। उन्होंने कहा की देवभूमि मे नशे व तनाव को समाप्त करने का अभियान चलाया जाएगा। चौधरी ने कहा आज हर व्यक्ति किसी ना किसी प्रकार के तनाव मे है और युवा पीढ़ी नशे में जकड़ती जा रही है। नशे ने कई घर तक उजाड़ दिए है, और कुछ लोग लाखों रुपय खर्च कर के भी इससे बाहर नहीं निकल पाते है और पूरा परिवार भी परेशान रहता है। संगीत चिकित्सा के माध्यम से निःशुल्क रूप से इस प्रकार के तनाव से मुक़्त हुआ जा सकता है। चौधरी ने कहा की वेदो में भी संगीत का अपना अलग स्थान बताया गया है।
मुख्य वक्ता डॉ ममता पंत दिल्ली ने कहा की हमने अभी तक हज़ारो लोगो को देश के अनेक स्थानो पर कैम्प लगा कर तनाव से बिना किसी दवाई के केवल संगीत चिकित्सा के माध्यम से ठीक किया है और अब हम अपने उत्तराखंड को नशे व तनाव से मुक्त कराने के लिए इस अभियान को शुरू करने जा रहे है हम अपने कैंप मे संगीत चिकित्सा के साथ साथ योग व पंचकर्मा भी कराते है आज की भाग दोड़ की दिन चर्या में संगीत चिकित्सा एक ज़रूरी साधन है जो की हमको निःशुल्क उपलब्ध हो जाती है।
अरुण पंथारी पौड़ी प्रधानाचार्य स्वामी राम हिमालय कॉलेज कोटद्वार व मंजु जागेरिया पंचकर्मा विशेषज्ञ दिल्ली ने कहा कि संगीत चिकित्सा और पंचकर्मा आज की ज़रूरत बन गई है जोकि एक सरल व फ्री प्राप्त होने होनी सुविधा है इसको सभी को अपनाना चाहिए।
मनोवैज्ञानिक संतोषी सेमवाल ऋषिकेश व अंकित तिवारी योगाचार्य दिल्ली ने कहाकि उत्तराखंड को नशे व तनाव से मुक्त कराने के लिए हमारा अभियान अब हरिद्वार से शुरू हो गया है और अब हम इस अभियान को पूरे राज्य मे ले कर जायेगे।
आशा शुक्ला सामाजिक कार्यकर्ता ऋषिकेश व सामाजिक कार्यकर्ता जागेश्वर जोशी पौड़ी ने कहा की आज नशे की जड़े हमारे उत्तराखंड को जकड़ रही है और तनाव तो आज एक आम समस्या है, जिस पर लोग लाखो रूपय खर्च कर रहे है, पर फिर भी ठीक नहीं हो पा रहे है। ऐसे में संगीत चिकित्सा एक मात्र साधन है जिससे बिना पैसे के इसका इलाज संभव है।