धीरज शर्मा। पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुन के साथ रविवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।वहीं इस पावन पल का साक्षी बनने के लिए रविवार तड़के से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। बदरीनाथ धाम नारायण के जयकारों से गुंजायमान रहा।भगवान बदरीविशाल को शीतकाल के दौरान औढ़ाए गए घी से लेपित कंबल का प्रसाद कपाट खुलने के अवसर पर वितरित किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। मंदिर को फूलों और लाइट्स से सजाया गया है। अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले की पहाड़ियों पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।यह मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिन्हें ‘चार धाम’ कहा जाता है। इसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं। यह मंदिर उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। यह हर साल छह महीने भक्तों के लिए खुला रहता है।इस मौके पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, ज्योतिमठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अवमुक्तेश्वरानंद, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित कई विशिष्ट व्यक्तियों ने दर्शन किए।
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