धीरज शर्मा।जनपद रुद्रप्रयाग के त्रियुगीनारायण राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। रा० इ०का० त्रियुगीनारायण जनपद रुद्रप्रयाग का दुर्गम व उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विद्यालय है।वर्तमान समय में इस विद्यालय में कक्षा 6 से 12 वी तक 155 छात्र-छात्रायें हैं। वर्तमान में विद्यालय में कई पद अध्यापकों के रिक्त हैं, जैसे प्रधानाचार्य, प्रवक्ता जीव विज्ञान,रसायन विज्ञान व अंग्रेजी प्रवक्ता का पद तो जब से विद्यालय खुला 15 वर्षों से रिक्त है। इसके अलावा सामाजिक विज्ञान सहायक अध्यापक का पद वर्तमान में रिक्त है तथा हिन्दी और राजनीति विज्ञान विषय में अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं, जोकि विद्यालय में समस्त कार्य कर रहे हैं। इस वजह से पठन-पाठन अधिक प्रभावित हो रहा है। व्यवस्था के तहत दूसरे विषय के शिक्षक पढ़ाते हैं। शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजते हैं।लेकिन विज्ञान शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों और अभिभावकों के सपने पूरे नहीं हो पा रहे हैं। सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे मध्यम वर्गीय परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को इस विद्यालय में ही पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। शिक्षक न होने का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।विद्यालय में शिक्षकों के खाली पदों के सापेक्ष शिक्षक नियुक्त नहीं है।बच्चों के भविष्य का सवाल है।ये हमारे बच्च्चों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने इस और सरकार का ध्यान दिलाते हुए उचित व्यवस्था की गुजारिश की है।उनका कहना है कि यह नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ है।
विद्यालय प्रबंधन समिति ने जिलाधिकारी के माध्यम से शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कालेज में रिक्त पड़े पदों पर जल्द ही अध्यापकों की नियुक्ति की मांग की है।
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