धीरज शर्मा।आज सम्पूर्ण जनपद में संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिला कार्यालय ने जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाते हुए कहा कि ये दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य संविधान के लोकतान्त्रिक मूल्यों, संविधान के प्रति निष्ठा को दर्शाने का प्रतीक है। जोकि हमें लोकतंत्र, पंथ निरपेक्ष, धर्म निरपेक्षता तथा सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों की याद दिलाता है तथा अधिकारों एवं कर्तव्यों का अहसास दिलाता है। उन्होंने कहा कि हमें संविधान में निहित भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। आमजन के नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे हमारे देश ने संविधान को अंगीकार किया था। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी, इस वजह से इस दिन को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आपको बताते चलें कि इससे पहले इसे कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता है और बाद में 2015 से इसे संविधान दिवस मनाया जाने लगा। डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। संविधान को बनाने में डॉ भीमराव अंबेडकर की अहम भूमिका थी, क्योंकि वे संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा था कि संविधान एक वकील का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का वाहन है, और इसकी आत्मा सदैव युग की भावना है।इस दौरान अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, दीपेंद्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी मनीष सिंह, लक्ष्मी राज चौहान, मुख्य वैयक्तिक अधिकारी सुदेश कुमार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
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December 23, 2024
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