धीरज शर्मा
आध्यात्मिक संस्था शांतिकुंज का शताब्दी समारोह अगले साल वृहद स्तर पर मनाया जाएगा। आज कार्यक्रम के लिए हुए भूमि पूजन कार्यक्रम में राज्यपाल गुरमीत सिंह भी शिरकत करने पहुंचे। हरिद्वार के बैरागी कैंप में शांतिकुंज शताब्दी नगर बनाया गया है।कार्यक्रम में राज्यपाल के अलावा शांतिकुंज प्रमुख, अन्य साधु संत और शांतिकुंज के हजारों साधक जुटे।जनवरी 2026 में आयोजित होने वाले चार दिवसीय शताब्दी समारोह में देश और विदेश से हजारों की संख्या में साधक कार्यक्रम में शामिल होंगे।
गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि चिन्मय पण्ड्या ने हजारों स्वयंसेवक, संत, प्रबुद्धजन की उपस्थिति में 51 तीर्थों से संग्रहीत पवित्र रज जल का पूजन कर किया।समारोह में अध्यात्म, संस्कृति और सेवा का व्यापक संगम देखने को मिला।यह समारोह परम वंदनीया माता के जन्म के 100 वर्ष, अखंड दीप प्रज्वलन के 100 वर्ष और शांतिकुंज के संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा की तप साधना के 100 वर्ष के अविस्मरणीय अवसर को समर्पित रहा।इस दौरान अतिथियों ने विश्व मैत्री, पर्यावरण शुद्धि और सांस्कृतिक एकता का संकल्प लिया।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा यह अदभुत क्षण है जब अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा वसुधा वंदन समारोह आयोजित किया है।निश्चित रूप से यह संस्था पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। राज्यपाल ने अखिल विश्व गायत्री परिवार और देव संस्कृति विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा यह संस्थान केवल शैक्षणिक केंद्र नहीं, बल्कि आधुनिक गुरुकुल है, जहां शिक्षा को साधना माना जाता है।
उन्होंने कहा हरिद्वार की यह तपोभूमि और मां गंगा की गोद संकल्प, साधना और लोक कल्याण की ऊर्जा का स्रोत है।उन्होंने चिन्मय पण्ड्या के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अध्यात्म और आधुनिकता के अद्भुत समन्वय द्वारा समाज को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।राज्यपाल ने कहा अखंड ज्योति केवल एक दीप नहीं है।यह अखंड भारत की भावना, धर्म-जागरण की चेतना और भारत के आध्यात्मिक तत्व का जीवंत प्रतीक है। इसकी ज्योति हमें सत्य, नैतिकता और एकता का संदेश देती है।
