धीरज शर्मा।प्रयागराज में साल 2025 में होने वाले कुंभ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। एक तरफ जहां यूपी सरकार प्रयागराज कुंभ 2025 को भव्य बनाने में लगी हुई है तो वहीं अखाड़ों ने भी प्रयागराज के लिए अपनी रवानगी शुरू कर दी है। इसी क्रम में आज 20 दिसंबर शुक्रवार को निरंजनी अखाड़ा के संत भी हरिद्वार से दही चावल खाकर कुंभनगरी प्रयागराज के लिए रवाना हुए।इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ से पहले जमात अखाड़े से निकलती है और जहां पर भी कुंभ होता है वहां के लिए यह जमात जाती है।आज भी निरंजनी अखाड़े की जमात प्रयागराज कुंभ के लिए रवाना हो रही है।जिसमें निरंजन अखाड़े के सभी साधु संत प्रयागराज जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार पहले से भी दिव्य और भव्य तैयारियां की है। रविंद्र पुरी का मानना है कि इस बार प्रयागराज कुंभ में 30 से 40 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। रविंद्र पुरी ने भक्तों से अपील की है कि वो प्रयागराज कुंभ में आएं और जो भी ‘ज्ञात’ और ‘अज्ञात’ पाप उनसे हुए हैं, उनको मां गंगा में स्नान कर दूर करें।इन दिनों फिर से मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर बहस छिड़ी हुई है।ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को वो बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि हर मस्जिद में मंदिर को नहीं देखना चाहिए लेकिन आज हिंदूवादी सरकार है।ऐसे में यदि हम उनसे आस नहीं लगाएंगे तो किससे लगाएंगे? रविंद्र पुरी का कहना है कि जिन-जिन स्थानों पर मंदिर मिले हैं, वो हिंदुओं को मिलने चाहिएं। मुगलराज में मंदिरों को मस्जिद बनाया गया था। अयोध्या, मथुरा और ज्ञानवापी (वाराणसी) के उदाहरण सबके सामने हैं।आज भी जब मस्जिदों के सर्वे हो रहे है तो मंदिर निकल कर सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में अवैध मदरसों की जांच पर तारीफ करते हुए सीएम धामी के इस निर्णय को सही बताने के साथ ही कहा कि जहां भी कुछ गलत हो रहा है, उस पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।
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