धीरज शर्मा।दिल्ली के बुराड़ी में उत्तराखंड के चारों धामों में से एक प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास किया गया।जिसके बाद उत्तराखंड में नया बवाल शुरू हो गया है।दिल्ली में केदारनाथ नाम से बनाए जा रहे मंदिर को लेकर चारों धामों में पंडा पुरोहितों ने विरोध दर्ज कराया है।इसके साथ ही केदारघाटी की जनता में आक्रोश पनप गया है।मामले को लेकर सियासत भी होने लगी है। आपको बताते चलें कि बीती 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली मेन 100 फुटा, बुराड़ी बख्तावरपुर रोड, हिरनकी में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली की ओर से बनाए जा रहे केदारनाथ धाम निर्माण को लेकर आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया था।सीएम ने केदारनाथ धाम के मंदिर का भूमि पूजन किया था, जिसका अब विरोध होने लगा है।यमुनोत्री मंदिर समिति इसका पुरजोर विरोध कर रही है।चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार की क्या मानसिकता है? अब चारों धामों के दर्शन दिल्ली में करवाए जाएंगे? यह सनातन धर्म के साथ ही संस्कृति का घोर अपमान है। भगवान शंकर ऐसा करने वालों को सद्बुद्धि दें।पुरोहितों का कहना है कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग है, जो साढ़े 11 हजार फीट की उंचाई पर स्थित है। केदारनाथ में ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से बारह ज्योतिर्लिंगों का पुण्य मिलता है।इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया है। जो भगवान आशुतोष का सबसे प्रिय स्थान है।इसलिए भगवान शंकर का मंदिर आप जहां मर्जी बनवाएं, लेकिन केदारनाथ मंदिर के प्रारूप के बारे में बिल्कुल न सोचें।ऐसा करने से पूरे प्रदेश का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अहित और अपमान होगा।चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है केदारनाथ धाम से शिला ले जाकर दिल्ली में स्थापित करके सीएम धामी ने धाम की परम्परा के साथ खिलवाड़ किया है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
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December 23, 2024
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