धीरज शर्मा।श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर के महंत और बैरागी संप्रदाय के संत प्रेमदास महाराज ब्रह्मलीन हो गए। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। सुबह जब वो अपने कमरे में अचेत अवस्था में मिले तो उन्हे तत्काल कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन चिकित्सालय लाया गया। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।इसके बाद मंदिर परिसर में संत समाज और उनके अनुयायियों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके शिष्य स्वामी हरिदास महाराज ने उन्हें मुखाग्नि दी।महंत प्रेमदास महाराज के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि महंत प्रेमदास के ब्रह्मलीन होने से संत समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। महामंत्री और श्रीपंच निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन संत विनम्रता की प्रतिमूर्ति और संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनकी शिक्षाएं समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। महंत विष्णुदास और महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन संत का योगदान हमेशा याद रहेगा। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, सतपाल ब्रह्मचारी, मेयर अनिता शर्मा, महंत सत्यव्रतानंद, स्वामी कपिल मुनि, स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत गोविंददास, महंत कौशलपुरी, स्वामी बिपनानंद, स्वामी नागेंद्र ब्रह्मचारी, स्वामी आदियोगी, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, महंत गंगादास, महंत त्रिवेणी दास, महंत प्रमोद दास, महंत प्रेमदास, स्वामी कृष्ण मुनि, महंत नारायण दास , महंत बिहारी शरण, महंत पवित्र दास, महंत शिवम महाराज, स्वामी परमेश्वर मुनि, प्रमोद शर्मा मिट्ठू, विमल चौधरी,आदि ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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December 23, 2024
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